समेकित निधि (Consolidated Fund of India)
1.
सरकारी लेखों का
वर्गीकरण तीन भागों में किया गया है (I) भारत की समेकित निधि (2) भारत की आकस्मिकता
निधि (3) भारत का लोक लेखा।
2.
इसमें भारत की
समेकित निधि सभी निधियों में महत्वपूर्ण है।
3.
भारत के संविधान के
अनुच्छेद 266(I) के अनुसार इस निधि का सृजन हुआ।
4.
यह एक ऐसा कोष है, जिसमें भारत सरकार
द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से प्राप्त सभी राजस्व, उधार लिया गया धन, सरकार द्वारा दिये
गए ऋणों से प्राप्त धन, रेलों के लिए यातायात से होने वाले आमदनी इकट्ठा होता है।
5.
भारत सरकार के
जितने भी व्यय है इस निधि से ही किया जाता है सिर्फ असाधारण मदों को छोड़कर।
6.
सबसे महत्वपूर्ण
बात यह की इस निधि से कोई भी खर्च बिना संसद के अनुमति से नहीं किया जा सकता है।
7.
इस निधि के मुख्यतः
तीन प्रभाग है (I) राजस्व (II) पूँजी (III) कर्ज
8.
प्रथम भाग में करों
की आय तथा अन्य व्यय प्राप्तियों से संबंधित हिसाब रखा जाता है, जिससे वर्ष के
दौरान बचत या घाटा का शुद्ध परिणाम निकलता है।
9.
द्वितीय भाग में
भौतिक किस्म की परिसम्पत्तियों में वृद्धि करने के उद्देश्य से किये जाने वाले
खर्च का हिसाब और पूंजीगत खर्च को संतुलित करने के लिए लगाई जाने वाली प्राप्तियों
का हिसाब रखा जाता है।
10.
तृतीय भाग में, जहां तक रेलवे लेखा
का संबद्ध है, सरकार द्वारा दिये गए ऋणों और अग्रिमों का हिसाब तथा उन ऋणों की
अदायगी और अग्रिमों की वसूलियों का हिसाब रखा जाता है।
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