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Tuesday, 20 September 2022

ESTIMATES

ESTIMATES

 

प्राक्कलन (Estimates) सात प्रकार के होते हैं (इंजीनियरिंग कोड के सातवें अध्याय में वर्णित हैं) 

प्राक्कलन (Estimates) का अर्थ है किसी कार्य को  शुरू करने से पहले उस कार्य का अनुमानित लागत का अनुमान लगाना या कार्य के अनुमानित लागत का गणना करना 

 

प्राक्कलन (Estimates)  के नाम –

1.      संक्षिप्त (सार) प्राक्कलन (Abstract Estimate)

2.      ब्यौरेवार प्राक्कलन (Detailed  Estimate)

3.     अनुपूरक प्राक्कलन (Supplementary Estimate)

4.      संशोधित प्राक्कलन (Revised Estimate)

5.   परियोजना सार प्राक्कलन (Project Abstract Estimate)

6.      निर्माण प्राक्कलन (Construction Estimate)

7.      समापन प्राक्कलन (Completion Estimate)

 

A-D-S-R-P-C-C

 

  प्राक्कलन (Estimates) निम्नलिखित के लिए तैयार किया जाता है 

1.      नए कार्य/सम्पत्तियों का निर्माण या खरीद।

2. मौजूदा कार्य/सम्पत्तियों का नवीनीकरण (Renewals)या बदलाव( Replacements)

3.मौजूदा कार्य/सम्पत्तियों का स्क्रैप,विघटन या परित्याग करना 

4.      मौजूदा कार्य/सम्पत्तियों का सुधार 

5.      मरम्मत कार्य 

6.      अस्थायी एवं प्रयोगिक कार्य 

7.      वर्कलाइन का नवीनीकरण (Renewals)या बदलाव( Replacements)

8.      ब्लास्ट का बदलाव 

 

प्राक्कलन (Estimates) निम्नलिखित के लिए तैयार नहीं किया जाता  है 

1.      "Reconditioning Works" (सुधारवाले कार्य जिसकी लागत 1 लाख तक हो 

2.      नवीनीकरण वाले 5 लाख तक के कार्य जिसकी लागत रेवेन्यू को प्रभारित हो 

3.      मरम्मत वाले 5 लाख तक के कार्य जिसकी लागत रेवेन्यू को प्रभारित हो 

 

मंजूरी की अवधि 5 वर्ष तक हैएवं 2 साल काम शुरू नहीं होने पर।

 

संक्षिप्त प्राक्कलन (Abstract Estimate) (ओपेन लाइन कार्य के लिए)

       सक्षम प्राधिकारी से प्रशासनिक अनुमोदन लेने के लिए संक्षिप्त प्राक्कलन तैयार किया  जाता है 

       किसी कार्य पर होने वाले संभावित व्यय एवं इसी प्रकार के अन्य डेटा पर उचित विचार करने के लिए तैयार किया जाता है।

       एक संक्षिप्त प्राक्कलन में संक्षिप्त रिपोर्ट (Brief Report), कार्य के औचित्य (Justification for the work), विशेष विवरण (Specification) और वर्तमान साल में 

धन की आवश्यकता है या नहीं रहता है।

       विभिन्न मदों के लिए वित्त के स्त्रोत को चिन्हित की जाती है जैसे की Capital, DRF, DF आदि ।

      संक्षिप्त प्राक्कलन के प्रशासनिक अनुमोदन में बजट प्रावधान के साथ वर्क्स प्रोग्राम, मशीन एवं चल स्टॉक प्रोग्राम (एम & पी प्रोग्राम), रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम माना जाता है ।

 

ब्यौरेवार प्राक्कलन (Detailed Estimate(ओपेन लाइन कार्य के लिए)

       सक्षम प्राधिकारी से तकनीकी स्वीकृति लेने के लिए ब्यौरेवार प्राक्कलन तैयार किया जाता है 

       इसे पर्याप्त विस्तार से तैयार किया जाना चाहिए ताकि सक्षम प्राधिकारी यह सुनिश्चित कर सके कि उच्च प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत संक्षिप्त प्राक्कलन से अधिक होने की संभावना नहीं है।

       एक संक्षिप्त प्राक्कलन में शामिल कोई भी कार्य तब तक शुरू नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि उसके लिए एक ब्यौरेवार प्राक्कलन तैयार और स्वीकृत नहीं किया जाता है और सक्षम प्राधिकारी द्वारा पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया जाता है।

       ओपन लाइन कार्य के विस्तृत अनुमान में शामिल रहता है 

(i)  अनुमानित लागत का विस्तृत विवरण और 

(ii) एक बाहरी शीट जिसमें कार्य की लागत का साररिपोर्ट वित्तीय औचित्य

   और निधि का आवंटन'

      तकनीकी स्वीकृतीकिसी कार्य के ब्यौरेवार प्राक्कलन के लिए सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति "तकनीकी स्वीकृतिकहलाती है।

       जिन निर्माण कार्यों के मंजूरी का अधिकार यदि महाप्रबंधक को हो तो संक्षिप्त प्राक्कलन तैयार करने के बजाय विस्तृत प्राक्कलन के लेवल पर ही प्रशासनिक स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति ली जा सकती है।

 

अनुपूरक प्राक्कलन (Supplementary Estimate) 

(ओपेन लाइन कार्य एवं निर्माण परियोजना दोनों के लिए)

       किसी भी कार्य के किसी मद के लिए अनुपूरक प्राक्कलन तब तैयार किया जाता है जब वह मद स्वीकृत अनुमान में शामिल किया जाना चाहिए था किन्तु वह शामिल नहीं किया गया।

       या किसी भी कार्य का वह मद जो बाद में पता चला की वह तैयार और स्वीकृत प्राक्कलन का भाग था ।

       इसे मुख्य प्राक्कलन की तरह ही तैयार करनी चाहिए।

       अनुपूरक प्राक्कलन के सभी उद्देश्य को मुख्य प्राक्कलन के भाग के रूप माना जाएगा ।

 

संशोधित प्राक्कलन (Revised Estimate) (ओपेन लाइन कार्य एवं निर्माण परियोजना दोनों के लिए)

       किसी कार्य या परियोजना पर व्यय ब्यौरेवार प्राक्कलन या निर्माण प्राक्कलन में स्वीकृत अनुमान से अधिक होने की संभावना हो तब संशोधित प्राक्कलन तैयार किया जाता है ।

       संशोधित प्राक्कलन तैयार करके प्राधिकृत अधिकारी से स्वीकृति के लिए भेजी जाती है।

       संशोधित प्राक्कलन भी मुख्य प्राक्कलन की तरह ही तैयार की जाती है ।

       संशोधित प्राक्कलन के साथ एक तुलनात्मक विवरण सब हेड वार अधिकता/बचत के साथ दिखाई जाती है ।

 

 

 

परियोजना सार प्राक्कलन (Project Abstract Estimate ) (निर्माण परियोजना  के लिए)

       परियोजना सार प्राक्कलन रेलवे बोर्ड से स्वीकृति के लिए तैयार किया जाता है ।

       यह प्राक्कलन इंजीनियरिंग सर्वे रिपोर्ट से तैयार की जाती है ।

       इस प्राक्कलन के साथ (I) मुख्य विशेषताओं और व्यय की प्रमुख वस्तुओं की व्याख्या करने वाली एक नेरेटिव रिपोर्ट (II) विभिन्न हेडों के तहत ब्यौरेवार प्राक्कलन रहता है।

 

निर्माण प्राक्कलन (Construction Estimate) (निर्माण परियोजना  के लिए)

       ब्यौरेवार प्राक्कलन को सामूहिक रूप से परियोजना का निर्माण प्राक्कलन कहा जाता है।

       इसे अंतिम स्थान सर्वेक्षण (final location survey) से तैयार किया जाता है ।

       निर्माण प्राक्कलन को सुविधाजनक भागों में बांटा जाता है जैसे शाखा लाइन,जंक्शन व्यवस्था आदि ।

       विशेष मामलों में जहां कार्य जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता होती हैसम्पूर्ण परियोजना के लिए निर्माण प्राक्कलन तैयार करने से पहले चाहे तो उप कार्य के लिए आंशिक प्राक्कलन तैयार करके कार्य को शुरू किया जा सकता है ।

       लेकिन यह उप कार्य परियोजना के लिए निर्माण प्राक्कलन तैयार करते समय निरर्थक नहीं होना चाहिए ।

 

समापन प्राक्कलन ((Completion Estimate) (निर्माण परियोजना  के लिए)

       निर्माण परियोजना के अधिक्रमण (supersession) में समापन प्राक्कलन तैयार किया जाता है ।

       इसे स्टॉक ट्रेकिंग प्राक्कलन भी कहा जाता है।

       इसे तालिका रूप में दिखाया जाता है।

जैसे-

स्वीकृत प्राक्कलित राशि

उस तिथि तक वास्तविक व्यय

उस तिथि तक वचनबद्धताएं

अनुमानित अतिरिक्त व्यय

कुल प्राक्कलित लागत

स्वीकृत प्राक्कलन और अनुमानित प्राक्कलन के बीच अंतर

1

2

3

4

5

(2+3+4)

6

(6-1)

 

       इसे संक्षिप्त विवरण के साथ तैयार किया जाता है - जिसमें अधिकता के लिए 10,000 रु या 10% जो भी कम होएवं बचत के लिए 1 लाख या 20% जो भी कम हो 

       लाइन खुलने के तारीख 

(यानी यात्री यातायात के लिए खोलने की तारीखके पहले तीन वित्तीय छमाही के किसी एक के खत्म होने से पहले संक्षिप्त स्पष्टीकरण के साथ तैयार किया जाता है।


Estimates and Verification of Estimates - Engineering Code

Estimates

 

Click for article in PDF

·         7th Chapter of Engineering Code  - 7 Kinds of Estimates

 

·                  Estimate meaning: To form an approximate judgment regarding cost of the work or calculate the approximate cost of the work.

 

·                  Estimates required for :

 

v  Construction or Purchase of new works or Assets

v  Renewals & replacements of existing works or assets

v  Scrapping or dismantling or abandonment of existing works or assets

v  Reconditioning of existing works or assets

v  Repair works

v  Temporary & experimental works

v  Renewals & replacement of worked lines

v  Renewals of Ballast

 

·         Estimates not required for

 

Recondition works

Renewal works (Revenue)

Repair works (Revenue)

Up to Rs. 1 Lakh

Up to Rs. 2 Lakhs

Up to Rs. 5 Lakhs

 

·         Currency of the Sanction:   5 years    ( 2 years, if work is not commenced)

 

·     Names of Estimates - easy to remember - A D S R P C C

 

SN

Estimate

1

Abstract Estimate

2

Detailed Estimate

3

Supplementary Estimate

4

Revised Estimate

5

Project Abstract Estimate

6

Construction Estimate

7

Completion Estimate

 

 

Open Line Works

Construction Projects

Remarks

1. Abstract Estimate

5. Project Abstract Estimate

For obtaining Administrative approval

2. Detailed Estimate

6. Construction Estimate

For obtaining Technical Sanction

3. Supplementary Estimate

Prepared both for Open Line Works & Construction Projects

4. Revised Estimate

Prepared both for Open Line Works & Construction Projects

Nil

7. Completion Estimate

Stock taking Estimate for Construction Projects

 

 

1.       Abstract Estimate:    (for Open Line Works)

 

·         Prepared to obtain Administrative approval of the Competent Authority.

·         To form a reasonable accurate idea of the probable expenditure and such other data

·         Consists of A. Brief Report,   B. Justification,  C. Specifications  & D. Funds required in Current year or not.

·         Source of Finance is to be identified i.e., Capital, DRF, DF etc for different items.

·         Inclusion of item in Works Programme/M&P Programme/RSP with Budget provision - Deemed to be the administrative approval of the Abstract Estimate.

 

 

2.       Detailed Estimate: (for Open Line Works)

 

·         Prepared to obtain Technical Sanction of the Competent Authority

·         Prepared in sufficient detail

·         Ensure that the cost should not exceed the Abstract Estimate.

·         Work should commenced after the technical sanction of the Detailed Estimate and provision in the Budget

 

The sanction of the Competent Authority to the Detailed Estimate of a work is called the  " Technical Sanction"

 

Detailed Estimate of Open Line Works consists of

Statement of

Details of Estimated cost

Outer sheet consists of Abstract cost of work, Report, financial Justification & Allocation

 

·         If Administrative approval and Technical sanction - both within powers of GM - Sanction for the both can be accorded at the stage of Detailed Estimate, skipping the Abstract Estimate.

 

 

3.       Supplementary Estimates: (for both Open Line works and Construction Project)

 

·         Two occasions:

 

A. An item of work which ought to have been included in the estimate already sanctioned, but has not been included.

 

B. An item of work, which it is found later, should be considered as being a part of an estimate already prepared and sanctioned.

 

·         Prepared in the same form and same degree as the Main estimate

 

·         All purposes, supplementary estimate be treated as a part of Main Estimate.

 

 

4.       Revised Estimate: (for both Open Line works and Construction Project)

 

·         If the expenditure on a work likely to exceed the sanctioned one.

 

·         Prepared and submitted for sanction of the Competent Authority

 

·         Prepared in the same degree, same form like Original Estimate.

 

·         Comparative statement showing excesses/savings under each sub head.

 

 

 

5.       Project Abstract Estimate  (for Construction works)

 

·         Prepared to obtain the approval of Railway Board. 

 

·         Prepared from an Engineering Survey Report

 

·         Accompanied by A. Narrative report explaining the salient features and major items of expenditure B. Detailed estimates prescribed under various heads.

  

6.       Construction Estimate: (for Construction works)

 

Detailed estimates of all works in the Project are collectively known as " Construction Estimate"

 

·         Prepared from the Final Location survey report.

 

·         Divided into convenient sections like engine runs, branch lines, junction arrangements, sections based on topography, divisions etc.

 

·         In special cases work may commence by preparing the Part estimates for sub - works, before preparation of Construction estimate for whole Project . But the same (sub works) should not be redundant at the time of Project Construction estimate is prepared.  Examples are A. Preliminary works B. Final Location survey C. Project office D. Land acquisition etc

 

7.       Completion Estimate: (for Construction works)

 

·         Prepared in supersession of a Construction Estimate

 

Also called as Stock taking estimate

  

·         Shows in tabular form as shown below.

 

Amt of Sanctioned estimate

Actual expenditure as on date

Commitments as on that date

Anticipated further outlay

Total estimated cost

Differences between sanctioned cost and the estimated cost

1

2

3

4

5

(2+3+4)

6

(6-1)

 

·          Prepared with brief explanations  - Excesses - Rs. 10,000 or 10% which ever is less and Savings - Rs. 1 Lakh or 20% which ever is less

 

·          Prepared  - At the end of one of the first three financial half years after the date of "opening"  

 

 

Verification of Estimates

 

·         Important phase of the Control of Expenditure

 

·         Regular check by the Accounts Officer on all estimate before they are sanctioned by the Competent Authority.

 

·         Object: To avoid irregular expenditure

 

Main Points - Easy to remember -  P I B E C

 

Propriety of Expenditure

Ensure expenditure charged to Railways is legitimate & proper. Ensured canons of financial propriety as enunciated in Para 116F. Proper financial justification.

Incidence & classification of charges

Incidence = Source of Funds,  Classification = Allocation as per Finance Code volume II. Ensure both as per rules in force.  while certifying the Estimate, Accounts officer should clearly state that both have been verified.

However, the estimate should not be delayed if any doubt in allocation. In such cases estimate should certify provisionally.

Budget provision in current year

Verified from the sanctioned budget allotment for the year

Errors & omissions - Freedom from

Executive is responsible for correctness of errors and omissions noted in the course of accounts verification. If not done, a check note appended to the verification certificate  duly pointing out the errors and omissions.  

Competency of Sanction

As per MSOP - checked and certified about the Competent authority empowered to sanction the estimate.

 

Subsidiary points   - Easy  to remember  - P I C A D O R (means Bullfighter)

 

 

Proper distribution between Cash & Stores

Proper distribution is made of the estimated outlay between Cash & Stores

Incidental expenditure

Incidental expenditure that can be foreseen has been provided in the estimate

CRRM - Credit for Railway Released Material

Provided CRRM in case of renewal, replacement or dismantlement of works

Abstract Allocation of all items

Abstract allocation for all items

Departmental Charges for Deposit works

Work done for other govt. depts or private parties, ensure provision of Departmental charges

Outlay & Outturn - manufacturing operations

Outlay & Outturn should be shown distinctly

Rent Statements in case of Railway Quarters.

Ensure 6 % return in case of each class of staff quarters & other rent returning buildings

 

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